हिमाचल की पहाड़ी नस्ल की गाय


प्रश्न-नेशनल ब्यूरो ऑफ एनीमल जैनेटिक रिसोर्सेज ने हिमाचली पहाड़ी गाय का पंजीकरण ‘हिमालयी पहाड़ी’ के नाम से आधिकारिक नस्ल के रूप में किया है। पशुपालन विभाग ने इस गाय को किस नाम से पंजीकृत करवाने हेतु इस ब्यूरो के पास आवेदन किया था?
(a) गौरी
(b) श्यामा
(c) गौजरी
(d) हिमाचली कामधेनु


उत्तर-(a)


संबंधित तथ्य



  • 24 फरवरी, 2020 को हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास एवं पंचायती व पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने जानकारी प्रदान की कि हिमाचल की पहाड़ी नस्ल की गाय को नेशनल ब्यूरो ऑफ एनीमल जैनेटिक रिसोर्सेज ने देश की मान्यता प्राप्त नस्लों की सूची में शामिल कर लिया है।

  • हिमाचली पहाड़ी गाय का पंजीकरण ‘हिमालयी पहाड़ी’ नाम से एक आधिकारिक नस्ल के रूप में किया गया है।

  • जिससे अब यह नस्ल देसी नस्ल की अन्य गायों यथा-साहिवाल, रेड सिंधी, गिर जैसी नस्लों की श्रेणी में शामिल हो गई है।

  • पशुपालन विभाग ने इस गाय को ‘गौरी’ नाम से पंजीकृत करवाने हेतु ब्यूरो के पास आवेदन किया था, किन्तु प्रदेश की यह देशी नस्ल पहाड़ी नाम से अत्यधिक प्रचलित होने के कारण इस नस्ल का नामकरण ‘हिमाचली पहाड़ी’ के रूप में किया गया है।

  • मौजूदा समय में हिमाचली पहाड़ी गाय की संख्या 7.50 से 8 लाख से करीब आकलित की गई है।

  • यह गाय मुख्यतः चंबा, मंडी, कुल्लू, कांगड़ा, सिरमौर और लाहौल-स्पीती जिलों में पाई जाती है।

  • इसके अलावा उपरोक्त ब्यूरो द्वारा प्रदेश में पाई जाने वाली भैंस की विशेष नस्ल को भी मान्यता प्रदान की गई है, जिसे ‘गौजरी’ नाम दिया गया है।