सीबीजी संयंत्रों की स्थापना हेतु समझौता

 प्रश्न-20 नवंबर, 2020 को सस्ते और स्वच्छ परिवहन ईंधन की उपलब्धता को बढ़ाने हेतु एसएटीएटी पहला के तहत देशभर में संपीडित बायो-गैस (सीबीजी) संयंत्रों की स्थापना हेतु समझौता-ज्ञापन हस्ताक्षरित हुआ। इस समझौता-ज्ञापन के संबंध में विकल्प में कौन-सा तथ्य सही नहीं है?

(a) समझौता-ज्ञापन पर पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और शीर्ष तेल एवं विपणन गैस कंपनियों और तकनीकी प्रदाताओं ने हस्ताक्षर किए।
(b) यह समझौता-ज्ञापन 900 सीबीजी संयंत्रों की स्थापना हेतु हस्ताक्षरित हुआ है।
(c) 600 सीबीजी संयंत्रों के लिए आशय पत्र पूर्व में ही दिया जा चुका है।
(d) 900 सीबीजी संयंत्रों के लिए 2 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश की परिकल्पना की गई है।
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य

  • 20 नवंबर, 2020 को सस्ते और स्वच्छ परिवहन ईंधन की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए सस्टेनेबल अल्टरनेटिव टुवर्ड्स अफोर्डेबल ट्रांसपोर्टेशन (एसएटीएटी) के तहत देशभर में संपीडित बायो-गैस (सीबीजी) संयंत्रों की स्थापना हेतु समझौता-ज्ञापन हस्ताक्षरित हुआ।
  • समझौता-ज्ञापन पर पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और शीर्ष तेल एवं विपणन गैस कंपनियों और तकनीक प्रदाताओं ने हस्ताक्षर किया।
  • सीबीजी संयंत्रों की स्थापना हेतु समझौता-ज्ञापन पर ऊर्जा कंपनियों जैसे-जेबीएम समूह, अडानी गैस, टोरेंट गैस और पेट्रोनेट एलएनजी एवं परियोजनाओं में तकनीकी सुविधा उपलब्ध कराने हेतु सीबीजी क्षेत्र में तकनीकी प्रदाताओं इंडियन ऑयल, प्राज इंडस्ट्रीज, सीईआईडी कंसल्टेंट्स और बायोगैस एनर्जी के साथ हस्ताक्षर किए गए।
  • 20 नवंबर को 900 सीबीजी संयंत्रों की स्थापना हेतु समझौता-ज्ञापन हस्ताक्षरित हुआ है।
  • 600 सीबीजी संयंत्रों के लिए आशय पत्र पूर्व में ही दिया जा चुका है।
  • अब कुल 1500 सीबीजी संयंत्र निष्पादन के विभिन्न चरणों में हैं।
  • 900 संयंत्रों के लिए 30,000 करोड़ रुपये के निवेश की परिकल्पना की गई है।
  • कुल 5000 सीबीजी संयंत्रों के लिए 2 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश की परिकल्पना की गई है।
  • सस्टेनेबल अल्टरनेटिव टुवर्ड्स अफोर्डेबल ट्रांसपोर्टेशन (एसएटीएटी) पहल के तहत भारत सरकार ने वर्ष 2023-24 तक 15 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) के उत्पादन के लक्ष्य के साथ 5000 सीबीजी संयंत्रों की स्थापना की परिकल्पना की है।
  • भारत सरकार द्वारा 1 अक्टूबर, 2018 को परिवहन क्षेत्र के लिए सीबीजी के रूप में एक वैकल्पिक और सस्ते एवं स्वच्छ ईंधन के तौर पर उत्पादन और इसकी उपलब्धता बढ़ाने हेतु एसएटीएटी पहल शुरू की गई थी।
  • एसएटीएटी देश में विभिन्न अपशिष्ट और बायोमास स्रोतों से संपीडित बायो गैस के उत्पादन के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र की स्थापना करेगा, जिससे कई लाभ होंगे।